Ghar par rahen, Ghar par sunen “घर पर रहें – घर पर सुनें”
song no .4 सखी री अभी घर से न निकला करो सखी री अभी कुछ दिन घर में रहो न...
song no .4 सखी री अभी घर से न निकला करो सखी री अभी कुछ दिन घर में रहो न...
song no. 3 दर्द में मुस्कान के दीपक जलाते हम हैं वो तूफां में जो क़श्ती चलाते मुश्किलों में भी...
"घर पर रहें घर पर सुनें हर रोज़ नए गाने " एक अभियान है जिसके तहत हर दिन गीतकार अशोक...
कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में 21 दिनों के Lockdown की घोषणा हुई तो सभी के मन में चारदीवारियों में समय...
हम हताश मौसम में भी विश्वास जगाएंगे। मुरझाए मन में आशा के दीप जलाएंगे। सहमा सहमा मौसम था,जब जीवन हुआ...
उसे जब पहली बार देखी तो अपना सा लगा उसे देखकर ख़ुश होना मानो पंख लग गये फिर उसका मिलना...
तुम बोलो तो होती जो उलझन है तुमको, बोलो तो मैं सब सुलझाऊं। शब्द मेरे चुभते हैं तुमको, बोलो तो...
वापसी चटाख ...ज़ोर की आवाज़ थी, लगता है शीशा टूटा था, या शायद कुछ और हो. शीशा कहाँ टूटा होगा,...
अब तुम्हारा हमको इंतिज़ार नहीं तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं राह देखते रहे हैं आज तक पर कहेंगे तुमको...