दिल के रिश्तों को, अजनबी होते देखा है – दिव्या त्रिवेदी
दिल के रिश्तों को, अजनबी होते देखा है सब बदलते देखा है, छलते देखा है, दिल के रिश्तों...
दिल के रिश्तों को, अजनबी होते देखा है सब बदलते देखा है, छलते देखा है, दिल के रिश्तों...
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस 1 अक्टूबर The International Day of Older Persons अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस याद दिलाता है कि हम वृद्धजनों...
निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर झोली में भर कर...
बातें ... राजुल बातें... दुनिया की बागडोर संभाले तय करती हैं अपनी उम्र का सफ़र कितने रंग, कितने रूपों...
ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां ज़िंदगी की चौसर में समय की गिरती कौड़ियां साँसें हैं सब दांव...
ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे ज़िंदगी ले आई है ये किसके सामने मुझे लग रहे हैं झूठे...
कुछ तो है मेरे तुम्हारे बीच' कुछ तो है मेरे तुम्हारे बीच वो मुलाकातों का दौर जो कभी आया ही...
उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे उम्र भर हम हादसों की धूप में जलते रहे तूने जिन...
निःशब्द से तुम, शब्द सी मैं निःशब्द से तुम, शब्द सी मैं ख़ामोश से तुम, चीखती सी मैं हवा से...
जय जयवंती माँ भारती हम हिंदुस्तानी देश हमारा जानसे प्यारा आज़ादी का बुलंद नारा जयजयवंती मॉ भारती जयजयवंती मॉ भारती...