है तलवों नीचे धरा दबी – भवानी प्रसाद मिश्र
पुलिस विभाग जिसके प्रति आज समाज में नकारात्मक धारणा है वहीं इसी पुलिस विभाग में उत्तर प्रदेश पुलिस के उप निरीक्षक भवानी प्रसाद मिश्र ने इस धारणा के विपरीत अपने अलंकृत साहित्यिक छंदबद्ध मार्मिक कबिता के द्वारा राष्ट्र को अति उत्कृष्ठ प्रेरणा व साहस देते हुए हमारे इसरो के अति भावुक क्षणों का यह कैसा बिलक्षण चित्रण किया है।
है तलवों नीचे धरा दबी
पर सर से ऊपर झांक कर देखो
अन्त नहीं इस अनन्त का
धरा से ऊपर उठ कर तो देखो
हो बाहर कुन्ठा स्वयं बटोरे
अन्तः मन मे जाकर तो देखो
सूरज से ज्यादा तेजवान हो
निज तेज जरा बिखरा कर तो देखो
अनन्त ऊर्जा तुम श्रोत हो
थोड़ी सी बाहर लाकर तो देखो
बल अथाह पौरुष अनन्त है
थोड़ा पुरूषार्थ करके तो देखो
अथाह पराक्रम सागर ले रहा हिलोरें
स्वयं स्वयं ही में डूबकर तो देखो
होता बिफल विक्रम को देखा
इस पर के शिवन का अन्तः तो देखो
देखा छलके आंशू इसरो मुखिया के
लाडला बिक्रम खोने का गम तो देखो
तत्क्षण सन्नाटा इसरो का देखा,
नमो का शौर्य धैर्य ढांढस तो देखो
चन्द्रयान दो, जो दे रहा है जग को
करके विश्लेषण उसका तो देखो
लैन्डर निकल गया है कर से
पर नव प्रयास करके तो देखो
प्रज्ञान ज्ञान जब दे न सका
तब भेज पुनर प्रज्ञान तो देखो
है यत्न सफलता निश्चित लाता
ध्रुव सृष्टि सनातन सूत्र तो देखो
यत्नवान हुआ असफल तो
सफलता पड़ी चरण उसी के तो देखो
भवानी प्रसाद मिश्र (उप निरीक्षक उत्तर प्रदेश पुलिस लखनऊ)