મિત્રતા

લખીશ તો અવરિત….
કંઈ કેટલાય ચિહ્નો સંગાથે ,
અપાર “મિત્રતા”નું
લિપિચિત્ર…..
બોલીશ તો અસ્ખલિત…..
કંઈ કેટલાય અક્ષરો સંગાથે,
શ્વાસેશ્વાસે”મિત્રતા”નું
પ્રાણાયામ….
વાંચીશ તો અપલક…
કંઈ કેટલાંય શબ્દો સંગાથે,
પ્રકરણ”મિત્રતા”નું
અનુસંધાનમાં….
કરીશ યાદ નિરંતર….
કંઈ કેટલાય એકાંત સંગાથે,
ટોળું “મિત્રતા”નું
મનવાંછિત.
મળીશ તો અહર્નિશ
કંઈ કેટલાય પરિઘ સંગાથે, વર્તુળ”મિત્રતા”નું
ત્રિજ્યા , અમાપ-અનંત.

 

हिंदी रूपांतरण

रूपांतरणकार – दीपा देसाई

मित्रता

लिखूंगी तो अनवरत 
अनेकानेक चिन्हों की संगत में 
अपार “मित्रता” का
लिपिचित्र

बोलूंगी तो अस्खलित
अनेकानेक अक्षरों की संगत में 
श्वासेंश्वासें “मित्रता” का
प्राणायाम

पढूंगी तो निर्निमेष 
अनेकानेक शब्दों की संगत में,
प्रकरण “मित्रता” का
अनुसंधान में

करूँगी याद निरंतर
अनेकानेक एकांत की संगत में 
टोली “मित्रता” की
मनोवांछित

मिलूँगी तो अहर्निश
अनेकानेक परिधि की संगत में 
वर्तुल “मित्रता” का
त्रिज्या अप्रमेय-अनंत 

 

सुप्रसिद्ध  R J तथा हिंदी और गुजराती भाषा की

जानी मानी कवियित्री दीपा देसाई


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