गीत – धीरज नहीं खोना…गायिका – मंजूषा मिश्रा
21 दिन 21 गाने
“घर पर रहें – घर पर सुनें”
हर रोज़ नए गाने
गीत संख्या – 17
सितार और गायन की जुगलबंदी
गीत – धीरज नहीं खोना…
सितार वादक – डॉ नवीन मिश्र
धीरज नहीं खोना सुन ले रे बंदे
निराश नहीं होना सुन ले रे बंदे
लाख दुखों के बादल घेरे
अंधियारे हों कितने घनेरे
साहस नहीं खोना सुन ले रे बंदे
दुःख के बादल हट जाएंगे
अंधियारे भी छंट जाएंगे
भरोसा नहीं खोला सुन ले रे बंदे
गायिका – मंजूषा मिश्रा
तबला संगत – मास्टर संकल्प मिश्र
संगीतकार – केवल कुमार
गीतकार – अशोक हमराही
श्रीमती मंजूषा मिश्रा शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायिका हैं। बनारस घराने से संबंध रखने वाली मंजूषा जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपनी माता श्रीमती शशि मिश्रा एवं बाद में अपने मामा बनारस घराने के ख्याति प्राप्त गायक मिश्र बंधु जी से प्राप्त की। देश – विदेश में ख्याति प्राप्त श्रीमती मंजूषा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन की अनुमोदित कलाकार हैं।
बनारस घराने के प्रतिनिधि कलाकार सितार वादक डॉ नवीन मिश्रा ने सितार वादन की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता पंडित सिद्ध नाथ मिश्रा जी से तत्पश्चात अपने बड़े पिता स्वर्गीय पंडित अमरनाथ मिश्रा जी से प्राप्त किया। उन्होंने देश – विदेश में कार्यक्रम प्रस्तुत करने के साथ ही अनेक सम्मान एवं पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।
डॉ नवीन मिश्र एवं श्रीमती मंजूषा मिश्रा के पुत्र मास्टर संकल्प मिश्रा ने केवल 8 वर्ष की आयु में ही प्रदेश के चर्चित बाल कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। संकल्प ने सितार वादन की शिक्षा अपने पिता एवं गायन की शिक्षा अपनी माता से मात्र 4 वर्ष की आयु से ही प्रारंभ कर दिया था। साथ ही अपने दादा पंडित सिद्ध नाथ मिश्र एवं अपने नाना पंडित रवि नाथ मिश्रा जी से तबला वादन की शिक्षा भी ले रहे हैं।
धन्यवाद
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