घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 23

दूर से ही करो अभी बतिया, मोरे भोले  संवरिया

दूर से ही करो अभी बतिया, मोरे भोले  संवरिया

पकरो नाही मोरी बइया, मोरे भोले संवरिया

देखे सुने नाही,  कबहूं अइसा

समझ न आवै , रोग है कइसा

बस अभी देखौ सुरतिया, मोरे भोले संवरिया

दूर से ही करो अभी बतिया, मोरे भोले  संवरिया

पकरो नाही मोरी बइया, मोरे भोले संवरिया

छूने से डर लागे, जियरा दुखावै

घर मा ही रहि कै, बखत बितावै

ऐसे ही कटै दिन रतिया, मोरे भोले संवरिया

दूर से ही करो अभी बतिया, मोरे भोले  संवरिया

पकरो नाही मोरी बइया, मोरे भोले संवरिया

  • गीतकार – अशोक हमराही

Ghar par rahen – Ghar par sunen : Har din naye gane Song No. 23                     Door se hi karo abhi batiya                                                                               Singer : Vibha Singh                                                                                                        Lyrics : Ashok Hamrahi                                                                                     Music : Kewal Kumar

विभा सिंह शास्त्रीय गायन में परास्नातक व नेट हैं व कानपुर विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। इन्होंने डॉ रेनू निगम व डॉ अल्का यादव से शास्त्रीय गायन की शिक्षा प्राप्त की है व इस समय यश भारती से सम्मानित गायक – संगीतकार श्री केवल कुमार जी से सुगम संगीत की बारीकियों को सीख रही हैं।वर्तमान में यह ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्याल, ,लखनऊ के शिक्षा विभाग में संगीत प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। दूरदर्शन व अनेक अवसरों पर ये सांगीतिक प्रस्तुति दे चुकीं हैं।

1 thought on “दूर से ही करो अभी बतिया : गायिका – विभा सिंह

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