आओ कसम खा लें, बाहर न निकलेंगे : गायक – मिथिलेश लखनवी
घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने
गीत संख्या – 37
आओ कसम खा लें, बाहर न निकलेंगे
आओ कसम खा लें
बाहर न निकलेंगे
सोशल डिस्टेंस रखेंगे
फ़ोन पे ही बाते करेंगे
प्यार को ज़िंदा रखेंगे
आओ कसम खा लें …
प्यार में ज़रूरी नहीं रोज़ मिलना
जब याद आए हमें फ़ोन करना
वैसे भी ये जुदाई का आलम नहीं है
फिर किसलिए आह भरना
प्यार के ये फूल खिलते हैं खिलते रहेंगे
आओ कसम खा लें
बाहर न निकलेंगे
सोशल डिस्टेंस रखेंगे
फ़ोन पे ही बाते करेंगे
प्यार को ज़िंदा रखेंगे
आओ कसम खा लें …
सूरज से किरणें जुदा कब हुई हैं
फूलों से ख़ुशबू फ़ना कब हुई है
जीवन में सांसें हैं सांसों में धड़कन
धड़कन की लय पर गीतों की सरगम
यूं ही प्यार के गीत चुनते रहेंगे
आओ कसम खा लें
बाहर न निकलेंगे
सोशल डिस्टेंस रखेंगे
फ़ोन पे ही बाते करेंगे
प्यार को ज़िंदा रखेंगे
आओ कसम खा लें
- गीतकार – अशोक हमराही
Ghar Par Rahen Ghar Par Sunen : Song No. 37 Aao kasamkha lein… Singer : Mithilesh Lucknawi Lyrics : Ashok Hamrahi Music : Kewal Kumar Keyboard : Pratham Jaswal
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