बातें … राजुल
बातें … राजुल
बातें… दुनिया की बागडोर संभाले
तय करती हैं अपनी उम्र का सफ़र
कितने रंग, कितने रूपों में, कितने शरीर धरे
आसपास घूमती बातें
बातों से मन भर जाता है
लेकिन पेट नहीं भरता
बातों की दवा असर करती है
लेकिन बातों का घाव नहीं भरता
ज़ख़्म देती है…मरहम बन जाती है
ख़त्म होकर भी जीती है बरसों बरस
और, अचानक ही सामने आ जाती है
बीती बातें ताज़ा हो जाती हैं
एक बीज पड़ता है बातों का
जन्म से भी पहले
और मां के अन्दर बातें ,सारी शक्ति लगाकर
गढ़ती हैं आकर
फिर आँख खोलते ही हाथों-हाथ लेती हैं
कुछ नर्म बातें
हंसती, खिलखिलाती
रुई के फाहे जैसी बातें
संजोती, संवारती, सिखाती बातें
किताबों में समाई बातें
गुनगुनाती बातें
अधमुंदी … खुली … चुभती … टटोलती
नेपथ्य से सामने आकर
छील … उधेड़ कर
फिर कुछ नया बुनती
न जाने कितनी बातें जुड़ती जाती हैं सबके साथ
लोग नहीं दिखते
लेकिन बातें बनी रहती हैं
राजुल
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बातों-बातों में कितनी अच्छी तरह बातों की बातें बयान कर दी आपने
Very nice Written
Kya baat kahi👌👌👌
Det of the life.
Fect of the life
Kya baat hai…..
बहुत सुन्दर रचना है….!
मातृ भाषा की प्रासिंगिकता बनाए रखने के लिए आज, राजुल जी जैसे स्तंभों की ही परम आवश्यकता है !
आपकी रोचक रचनाएं, हिन्दी के उन भावपरक शब्दों को पुनः चलन में लाने का सुप्रयास है जिन्हें आंग्ल-उर्दू जैसी भाषाओं ने लुप्तप्राय ही कर दिया था !
अपनी सुन्दर रचनाओं से, मातृ भाषा की सेवा के लिए आप बधाई की पात्र हैं…!💐😊
राजुल जी सच कहा आपने बातों से मन नही भरता… आपकी लेखनी बहुत अनमोल है👌👌💐💐 बहुत खूबसूरत लिखा..हार्दिक शुभकामनाएं💐💐💐💐
बहुत बढ़िया बातें की आपने और बहुत सारे अच्छे शब्दों का इस्तेमाल किया भावनापरक बातें हैं शुभकामनाएं
बहुत सुंदर रचना.. बातों बातों में बातें…
Bhawon se Bhari panktiyan…bohot hi sunder….
स्नेह ..धन्यवाद मंजरी 💐
💐💐😍
Thanks💐
राजुल जी…. आपकी बाते… मन लुभावनी बाते… दिल को छू लेनेवाली बाते…. सोचने पर.मजबूर करानेवाली बाते…. दिल से धन्यवाद!
धन्यवाद अर्चना जी 💐