राष्ट्रीय पुस्तक मेला तीन दिन बढ़ा

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सत्रहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला लखनऊ
10 वां दिन :-

राष्ट्रीय पुस्तक मेला तीन दिन बढ़ा

औपचारिक समारोह में सम्मानित हुए मेले के सहयोगी

लखनऊ में राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान में 20 सितम्बर से जारी राष्ट्रीय पुस्तक मेला तीन दिन आगे बढ़ गया। औपचारिक समापन समारोह में गांधी जयंती तक मेला बढ़ाये जाने की घोषणा होते ही पुस्तक प्रेमियों के चेहरे खिल उठे।

उमड़ते-घुमड़ते मेघों के बीच आज मेले में बराबर कार्यक्रम चले। रायबरेली से आये पुस्तक प्रेमी राजेश विक्रम ने बताया कि वर्षा के बावजूद वे मेले में तीन बार आए और करीब 38 सौ की किताबें खरीदीं। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज चुनिंदा प्रकाशकों, प्रमुख सहयोगियों को यहां आयोजन समिति की ओर से सम्मानित किया गया।

    
बिन्दु जैन के संचालन में चले समारोह में मण्डलायुक्त मुकेशकुमार मेश्राम ने किताबों का महत्व बताने के साथ आयोजन को सराहते हुए कहा कि अब बुके नहीं ‘बुक’ से ही स्वागत करना श्रेष्ठ है। उपहार में भी किताबें दें। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.भट्ट ने कहा कि हर पुस्तक हमें कुछ न कुछ प्रेरणा देती है। संरक्षक मुरलीधर आहूजा ने कहा कि किताबें हमें कठिन समय में राह सुझाती हैं। प्रमुख सहयोगियों में किरन फाउण्डेशन के विशाल श्रीवास्तव, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन के राजवीर रतन, रचनाकार डा.अमिता दुबे, लोक नृत्यांगना ज्योति किरन रतन इत्यादि को सम्मानित किया गया।


इससे पहले उपाध्याय गुप्ति सागर मुनि की दो पुस्तकों ‘365 अच्छे काम’ व ‘सफलता के दस कदम’ का लोकार्पण हुआ। संयोजन मनोज सिंह चंदेल ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि जिला प्रशासन की अनुमति और मेले में आए प्रकाशकों के सहयोग के बाद आगे बढ़ा मेला अब दो अक्टूबर तक यहां जारी रहेगा। मेले के दसवें दिन आज छ्ट्टी होने के नाते बहुत अधिक भीड़ रही। नेत्र परीक्षण शिविर में भी बड़ी तादाद में आगंतुकों ने आंखे टेस्ट कराईं।


मुख्य साहित्यिक मंच पर स्नेह वेलफेयर फाउण्डेशन की ओर से वरिष्ठ साहित्यकारों इतिहासविद् योगेश प्रवीन, रत्ना बापुली रत्ना, डा.अमिता आदि कई रचनाकारों को स्मृतिचिह्न व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसी क्रम में स्नेहलता की पुस्तक कस्तूरबा गांधी का विमोचन हुआ। बच्चों की गीत-संगीत व नृत्य प्रस्तुतियों से गुलजार रहा।

संयोजक ज्योति किरन रतन के संयोजन में हुई प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया तो ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोक आंगन के सौजन्य से हुई लोकनृत्य कार्यशाला के प्रशिक्षकों लक्ष्मी जोशी, सुबोध पाण्डेय, रेखा सिंह व लोक संस्कृति शोध संस्थान के प्रतिनिधियों को कला वसुधा पत्रिका, कुछ पुस्तकें व पौधे प्रदान किये गये।

आज की शाम कथक के नाम भी रही। गुरु अर्जुन मिश्र, अनुज मिश्र व सुरभि सिंह की शिष्याओ ईशा रतन-मीशा रतन ने ताण्डव से सजी शिव स्तुति और तराने पर दर्शनीय कथक युगल रूप में प्रस्तुत किया। यहां मंच विजेता बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गये। इसके साथ ही अनेक बच्चों ने यहां गीत, संगीत व नृत्य की मोहक प्रस्तुतियां दीं।

मेले के निदेशन आकर्ष चंदेल ने बताया कि अगले तीन दिनों में स्थगित हुए कार्यक्रमों को आयोजित करने के प्रयत्न के साथ अन्य कार्यक्रमों को भी आयोजित किया जायेगा।

17 वे नेशनल पुस्तक मेला 2019
को प्रशासन की अनुमति से 2 अक्टूबर तक के लिये बढा दिया गया है ।
जिसमे कोई संस्था अपना कोई कार्यक्रम करना चाहे तो उनका स्वागत है ।

पर्यवरण संरक्षण
जल संरक्षण ,
गान्धी जयंती
पर कोई स्लोगन ,विचार
का स्वागत है । चयन होने पर
पुस्तक मेला समिति के द्वारा,
दुर्गा पूजा। समिति के द्वारा अलग अलग पुरुस्कृत किया जायेगा ।

सिर्फ व्हट्स ऐप्प पर भेजे ।
ज्योति किरन रतन
9415910781


 


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