मौसम के रंग छाये- अशोक हमराही
बसंत गीत
मौसम के रंग छाये
मौसम के रंग छाये
मुझे तेरी याद दिलाये
सजना रे, तू आ जा
मौसम के रंग छाये …
चुपके से आ हवा ने, जो छू लिया मेरा तन
यूं लगा कि जैसे तूने, थामा हो मेरा दामन
अहसास तेरे लेके, हर फूल मुस्कराये
सजना रे, तू आ जा – सजना रे, तू आ जा
मौसम के रंग छाये …
पंछी मिलन के गीत सुनाये
कलियों में यौवन भर आया
राह निहारूं तेरी प्रियतम
मुझको तूने क्यों तरसाया
कुछ भी समझ न पाऊँ, कैसे तुम्हें बुलाऊँ
सजना रे, तू आ जा – सजना रे, तू आ जा
मौसम के रंग छाये …