कहानी : कहीं किसी रोज़ – पूनम अहमद
कहीं किसी रोज़
स्विमिंग पूल के किनारे एक तरफ जाकर विमल ने हाथ में लिए होटल के ग्लास से ही सूर्य को जल चढ़ाया , सुबह की हलकी हलकी खुशनुमा सी ताजगी हर तरफ फैली थी , जल चढ़ाते हुए उसने कितने ही शब्द होठों में बुदबुदाते हुए कनखियों से पूल के किनारे , चेयर पर बैठी महिला को देखा , आज फिर वह अपनी बुक में खोयी थी , कुछ पल खड़े होकर वह उसे फिर ध्यान से देखने लगा , सुंदर , बहुत स्मार्ट , टीशर्ट , ट्रैक पैंट में , शोल्डर कट बाल , बहुत आकर्षक , सुगठित देहयष्टि , विमल को लगा कि वह उससे उम्र में कुछ बड़ी ही होगी , करीब चालीस की तो होगी , वह उसे निहार ही रहा था , कि उस स्त्री ने उसकी तरफ देख कर कहा ,” इतनी दूर से कब तक देखते रहेंगें , आपकी पूजा अर्चना हो गयी हो और अगर आप चाहें तो यहाँ आकर बैठ सकते हैं ।”
विमल बहुत बुरी तरह झेंप गया , कुछ सूझा ही नहीं कि चोरी पकडे जाने पर अब क्या कहे , चुपचाप चलता हुआ उस स्त्री से कुछ दूर रखी चेयर पर जाकर बैठ गया , स्त्री ने ही बात शुरू की ,” आप भी मेरी तरह लॉक डाउन में इस होटल में फंस गए हैं न ? आपको रोज देख रही हूँ पूजा पाठ करते ! और आप भी मुझे देख ही रहे हैं , यह भी जानती हूँ । ”
विमल झेंप रहा था , बोला ,” हाँ , यहाँ देहरादून में ऑफिस के टूर पर आया था , अचानक लॉक डाउन में फंस गया , मैं लखनऊ में रहता हूँ आप ?”
” मैं तो देहरादून घूमने आयी थी , बैंगलोर में रहती हूँ , वहीँ जॉब करती हूँ ।”
”अकेले आयी थीं घूमने ?” विमल हैरान हुआ ।
”जी , ” मगर आप इतने हैरान क्यों हुए ?”
विमल चुप रहा , महिला उठ खड़ी हुई ,” चलती हूँ , मेरा एक्सरसाइज का टाइम हो गया , थोड़ी रीडिंग के बाद ही मेरा दिन शुरू होता है ।”
विमल ने झिझकते हुए पूछा ”आपका शुभ नाम ?”
”ज़ोया ”
”आगे ?”
”आगे क्या ?”
”मतलब , सरनेम ?”
” मुझे बस अपना नाम अच्छा लगता है , मैं सरनेम लगाकर किसी धर्म के बंधन में नहीं बंधना चाहती , सरनेम के बिना भी मेरा एक स्वतंत्र व्यक्तित्व हो सकता है । आप भी मुझे अपना नाम ही बताइये , मुझे किसी के सरनेम में कभी कोई दिलचस्पी नहीं होती ।”
विमल का मुँह खुला का खुला रह गया , यह औरत है , क्या है , धीरे से बोला ,” विमल ।”
”ओके , बाय ,” कहकर ज़ोया चली गयी , विमल जैसे एक जादू के असर में बैठा रह गया ,
लॉक डाउन के शुरू होने पर रूड़की के इस होटल में आठ दस लोग फंस गए थे , कुछ यंग जोड़े थे जो कभी कभी दिख जाते थे , कुछ ऐसे ही टूर पर आये लोग थे , दिन भर तो विमल लैपटॉप पर ऑफिस के काम में बिजी रहता , वह बहुत ही धर्मभीरु , दब्बू किस्म का इंसान था , उसकी पत्नी और दो बच्चे लखनऊ में रहते थे , जिनसे वह लगातार टच में था , ज़ोया को वह अक्सर ऐसे ही स्विमिंग पूल के आसपास खूब देखता । अक्सर वह इसी तरह बुक में ही खोयी रहती ।
ज़ोया एक बिंदास , नास्तिक महिला थी , बैंग्लोर में अकेली रहती थी , एक कॉलेज में फाइन आर्ट्स की प्रोफेसर थी , विवाह किया नहीं था , पेरेंट्स भाई के पास दिल्ली रहते थे , घूमने फिरने का शौक था , खूब सोलो ट्रैवेलिंग करती , खूब पढ़ती , हमेशा बुक्स साथ रखती , अब लॉक डाउन में फंसी थी तो बुक्स पढ़ने के शौक में समय बीत रहा था । वह बहुत इंटेलीजेंट थी , कई फिलोसोफर्स को पढ़ चुकी थी , कई दिन से देख रही थी कि विमल उसे चोरी चोरी खूब देखता है , उसे मन ही मन हसी भी आती , विमल देखने में स्मार्ट था , पर उसे एक नजर देखने से ही ज़ोया को अंदाजा हो गया था कि वह धर्म में पोर पोर डूबा इंसान है ।
होटल में स्टाफ अब बहुत कम था , खाने पीने की चीजें सीमित थीं , पर काम चल रहा था । विमल का आज काम में दिल नहीं लगा , आँखों के आगे ज़ोया का जैसे एक साया सा लहराता रह गया , शाम होते ही लैपटॉप बंद कर स्विमिंग पूल की तरफ भागा, ज़ोया अपनी बुक में डूबी थी , विमल उसके पास जाकर खड़ा हो गया , ” गुड ईवनिंग, ज़ोया जी ।”
बुक बंद कर ज़ोया मुस्कुरायी ,” गुड ईवनिंग , आइये , फ्री हैं तो बैठिये ।”
विमल तो उसके पास बैठने के लिए ही बेचैन था , ज़ोया बहुत प्यारी लग रही थी , नेवई ब्लू , टीशर्ट में उसका गोरा सुन्दर चेहरा खिला खिला लग रहा था , ज़ोया ने छेड़ा, ” देख लिया हो तो कोई बात करें ।”
हंस पड़ा विमल ,” आप बहुत स्मार्ट हैं , नजरों को खूब पढ़ती हैं ।”
” हाँ जी , यह तो सच है ,” ज़ोया ने दोस्ताना ढंग से कहा तो दोनों में कुछ बढ़ा , ज़ोया ने कहा ,” आजकल तो यहाँ जितनी भी सुविधाएँ मिल रही हैं , बहुत है , मेरी सुबह शाम तो स्विमिंग पूल पर कट रही है और दिन होटल के कमरे में , आप क्या करते रहते हैं ?”
” ऑफिस का काम काफी रहता है , बस टाइम बीत जाता है ।”
ज़ोया ने पूछा ,” और आपकी फॅमिली में कौन कौन हैं ?” विमल ने बताकर उससे भी पूछा , ज़ोया ने जब बताया कि वह अविवाहित है , विमल बहुत हैरानी से उसका मुँह देखता रह गया , ज़ोया हंस पड़ी ,” आप बहुत हैरान होते हैं , बात बात पर ।” विमल को अब तक ज़ोया के जॉली नेचर का अंदाजा हो गया था , ज़ोया ने फिर कहा , मैं अपनी लाइफ अपने तरीके से एन्जॉय कर रही हूँ , पता नहीं लोग मेरी लाइफ पर हैरान ही होते रहते हैं , जैसे मैं जीती हूँ , मुझे उसपर गर्व है ।”
”आपको एक फॅमिली की जरुरत महसूस नहीं होती ?”
”पेरेंट्स , भाई हैं , बाकी पति , बच्चे जैसी चीजों की कमी कभी नहीं महसूस हुई । मैं तो यहाँ लॉक डाउन में फंसा होना भी एन्जॉय कर रही हूँ , आपके पास पैसा हो तो आपको लाइफ ऐसे ही एन्जॉय करनी चाहिए , डेनिस रोडमैन ने तो कह ही दिया ,” इंसान के जीवन में ५० % सेक्स होता है और ५० %पैसा ।”
विमल का चेहरा शर्म से लाल हो गया , पहली बार कोई महिला उसके सामने बैठी सेक्स शब्द ऐसे खुलेआम बोल रही थी , ज़ोया ने फिर कहा ,” आपको अजीब लगा न कि कोई महिला कैसे सेक्स शब्द खुलेआम बोल रही है , इस विषय पर तो आप लोगों का कॉपी राइट है ,” कहकर ज़ोया बहुत प्यारी हंसी हंसी , विमल इस हसी में खो सा गया , बोला, ” आप सबसे बहुत अलग हैं ।”
”जी , मैं जानती हूँ ।”
” आजकल आप क्या पढ़ रही हैं ?”
”कार्ल मार्क्स ।”
” और क्या शौक हैं आपको ?”
” खुश रहने का शौक है मुझे , बाकी सब चीजें इसके साथ अपने आप जुड़ती चली गयीं । आज डिनर साथ करें ?”
” आज तो मेरा फ़ास्ट है , मंगलवार है । मैं जरा धार्मिक किस्म का इंसान हूँ ।”
ज़ोया मुस्कुरायी , तो विमल ने पूछ लिया ” आप किस धर्म को मानती हैं ?”
” मैं तो धर्म के खिलाफ हूँ क्योकि इसमें मेरे तर्कों का कोई जवाब नहीं , लोगों ने मुझे हमेशा दिमाग से काम लेने की सलाह दी , मैंने मानी , बस, मैं फिर नास्तिक हो गयी , है न ये मजेदार बात ! जब लोग मुझसे मेरा धर्म पूछते हैं , मैं कह देती हूँ ,”नॉन delusional ।”
” मैं तो यह मानता हूँ कि भगवान हर वस्तु में है और सबसे ऊपर भी है , भगवान को अपने आसपास ही महसूस करता हूँ , इसी अनुभूति से जीवन सफल हो सकता है , भगवान ही हमारी हर मुश्किल का अंत कर सकते हैं ।”
” और मैं कार्ल मार्क्स की इस बात को मानती हूँ कि लोगों की ख़ुशी के लिए पहली जरुरत धर्म का अंत है और धर्म लोगों का अफीम है। ”
” आप विदेशी लेखकों की बुक्स शायद ज्यादा पढ़ चुकी हैं ।”
” नहीं , ऐसा नहीं है , मुझे बी आर अम्बेडकर की यह बात बहुत पसंद है , जो उन्होंने कहा है कि मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता , समानता और भाईचारा सिखाये । ”
” पर ज़ोया जी —
”आप मुझे सिर्फ ज़ोया ही कह सकते हैं , यह जी मुझे अक्सर बहुत फिजूल की चीज लगती है ।”
विमल थोड़ा हिचकिचाया , पर उसे अपने मुँह से निकलता सिर्फ ज़ोया , बहुत प्यारा लगा , वह इस नाम पर ही अब मर मिटा था , इस नाम ने ही उसके अंदर एक हलचल मचा दी थी , उसे लग रहा था कि सामने बैठी , उससे उम्र में बड़ी महिला सारी उम्र बस उसके सामने ऐसे ही बैठी रहे और वह उसकी बातें सुनता रहे , उसे देखता रहे , ब्यूटी विद ब्रेन !
”तो आज आप फ़ास्ट में डिनर में क्या खायेंगें ?”
” फ्रूट्स और मिल्क ।”
ज़ोया मुस्कुरायी ,” मैंने तो अपनी लाइफ में कभी कोई फ़ास्ट नहीं रखा ।”
” मैं सचमुच हैरान हूँ , आप किसी भी धर्म को नहीं मानती ? अच्छा , ठीक है , चलो , मुझे यह तो बता दो कि आपके पेरेंट्स का सरनेम क्या है ?
ज़ोया बहुत ज़ोर से हंसी ,” आप उन्ही लोगों में से हैं न जो सामने वाले के धर्म , जाति पूछ कर आगे बात करते हैं , तरस आता है मुझे ऐसे लोगों पर जिनकी दुनिया बस इतनी ही छोटी है जिसमे सरनेम ही रह सकता है ।खैर , मैं हूँ ज़ोया सिद्दीकी ।”
विमल का चेहरा उतर गया , मुँह से निकल ही गया ,”ओह्ह्ह ।” ज़ोया ने छेड़ा ,” आया मजा ? क्या हुआ ? झटका लगा न ? अब बात नहीं कर पायेंगें ?”
” नहीं नहीं , ऐसा तो नहीं है ।”
दोनों फिर यूँ ही कुछ देर बात करते रहे , विमल ज़ोया की नॉलेज से इम्प्रेस्ड था , कमाल की थी ज़ोया , विमल अपने रूम में आकर भी सिर्फ ज़ोया के बारे में ही सोचता रहा , पूरी रात उसके बारे में करवटें बदल बदल कर गुजारीं , ज़ोया को भी विमल की सादगी बहुत अच्छी लगी थी , वह भी उसके बारे में सोच कर मुस्कुराती रही , अगली सुबह विमल ने उसे देखते ही बेचैनी से कहा ,” आज तो मैं सो ही नहीं पाया ।”
ज़ोया ने बड़े स्टाइल से कहा ,”जानती हूँ ।”
”अरे , आपको कैसे पता ?”
”अक्सर लोग मुझसे मिलकर जल्दी सो नहीं पाते ।”
विमल थोड़ा फ़्लर्ट के मूड में आ गया ,” बहुत जानती हैं आप ऐसे लोगों को ?”
”हाँ , जनाब , बहुत देखे हैं ।”
दोनों ने अपने आप को एक दूसरे के कुछ और करीब महसूस किया , दोनों स्विमिंग पूल के किनारे चहलकदमी करते हुए बातें कर रहे थे , ज़ोया ने कहा , ” आज आपने नहा धोकर सूरज को जल नहीं चढ़ाया ।”
”हाँ , आज मन ही नहीं हुआ , मैं ठीक से सोता नहीं तो मेरा सारा काम उल्टा पुल्टा हो जाता है ।”
” आपके भगवान मुझसे गुस्सा तो नहीं हो जायेंगें कि मेरी वजह से आप सो नहीं पाए , वैसे अच्छा ही हुआ एक गिलास पानी वेस्ट होने से बच गया , आपने कभी सोचा नहीं कि आपके भगवान को सचमुच उस पानी की जरुरत है ? मुझे इसके पीछे का लॉजिक समझा दीजिये , प्लीज ।”
विमल ने हाथ जोड़े ,” मैं समझ चुका हूँ कि मैं आपसे जीत नहीं सकता , ज़ोया । मैं आपसे हार चुका हूँ ,” उसके इस भोले से व्यवहार पर ज़ोया मुस्कुरा दी , कहा ,” फिर तो बात ही ख़तम , हारे हुए इंसान को क्या कहना ? आज नाश्ता साथ करें ?”
”बिल्कुल, फ्रेश होकर मिलते हैं , इनका रेस्टॉरेंट तो बंद ही है आजकल , ऑफिस की मीटिंग में एक घंटा है , मेरे रूम में आओगी ?”
”हाँ , मिलते हैं ।”
घुटने तक की एक ड्रेस , शोल्डर कट बाल शैम्पू किये , हल्का सा मेक अप, उसके पास से आती बढ़िया परफ्यूम की खुशबू , तैयार विमल ने जब अपने रूम का दरवाजा खोला , ज़ोया को देखता ही रह गया , वह बहुत सुन्दर थी, उसके रूप के जादू से बचना विमल को बहुत मुश्किल सा लग रहा था , वह पूरी तरह उसके होशहवासों पर छा चुकी थी , विमल ने उसकी पसंद पूछ कर नाश्ता आर्डर किया , वेटर स्टेचू सा चेहरा लिए चला गया , तो ज़ोया हंसी , ” आज तो इन लोगों को भी टाइम पास करने का हमारा टॉपिक मिल गया , ये बेचारे भी लॉक डाउन में ऐसी बातों के लिए तरस गए होंगें । ”
विमल को बहुत जोर से हसी आयी , क्या क्या सोच लेती हो आप भी ?”
”तुम भी कहोगे मुझे तो अच्छा लगेगा , आप बहुत दूर कर देता है सामने वाले को ।”
”पर आप मुझसे बड़ी हैं शायद ।”
” शायद नहीं , बड़ी ही हूँ , पर मुझे तुमसे तुम ही सुनना अच्छा लगेगा , विमल , जब करीब आ ही रहे हैं तो फॉर्मलिटीज क्यों ?”
नाश्ता करते हुए ज़ोया की रोचक बातों में डूबा रहा विमल , ज़ोया बता रही थी ,’ तुम्हे पता है , जब मैं यूरोप से अपनी आर्ट्स की पढ़ाई ख़तम करके लौटी , और वहां के न्यूड स्कल्प्चर के बारे में स्टूटेंड्स को बताती , उन्हें पढ़ाती , उनके चेहरे शर्म से लाल हो जाते , मुझे बड़ा मजा आता , मैं बहुत जगह घूमी , तुम्हे पता है डेनमार्क और स्वीडेन में धार्मिक लोग सबसे कम हैं और वहां सबसे अच्छी शिक्षा है , अपराध न के बराबर है । ईमानदार लोग हैं । ” ज़ोया और विमल ने काफी अच्छे मूड में नाश्ता ख़तम किया , ज़ोया फिर उठ गयी ,बोली ,” अब तुम ऑफिस के काम करो , मैं चलती हूँ ।”
विमल का मन ही नहीं कर रहा था कि ज़ोया उसके पास से जाए , पर मजबूरी थी , एक मीटिंग थी , बोला ,” तुम क्या करती हो पूरा दिन होटल में ज़ोया ?”
” आराम , बुक्स , एक्सरसाइज , कुछ फ़ोन कॉल्स , फ़ोन पर नेटफ्लिक्स भी देखती हूँ ।”
”अच्छा ? कौन कौन से शोज देखे ?”
”सेक्रेड गेम्स देख रही हूँ आजकल , वैसे और बहुत से देख लिए ।”
विमल की आँखें कुछ चौड़ी हुईं ,” सेक्रेड गेम्स ?”
”हाँ , फिर हैरान हुए तुम ?”
विमल हंस पड़ा , ज़ोया चली गयी ।
शाम को दोनों फिर बहुत देर स्विमिंग पूल के किनारे बैठे रहे , चाय भी साथ पी , ज़ोया ने शरारती स्वर में कहा ,” आज डिनर मेरे रूम में ?”
विमल ने हाँ में सर हिला दिया , विमल अब उससे अपनी फॅमिली की बातें करता रहा , अपनी वाइफ और बच्चों के बारे में बताता रहा , ज़ोया पूरी रुचि से सुनती रही , फिर बोली ,” आप अपनी वाइफ को मेरे बारे में बताएंगें ?”
”नहीं ,” कहता हुआ विमल मुस्कुरा दिया तो ज़ोया भी हंस पड़ी , कहा ,” इसलिए मैंने शादी नहीं की ।” दोनों इस बात पर एक दूसरे को छेड़ते रहे , रात को डिनर के लिए जब विमल तैयार होने लगा , मन ही मन यही सोच रहा था कि वह अपनी वाइफ को धोखा दे रहा है , भगवान उसे कभी माफ़ नहीं करेंगें , यह पाप है , वगैरह , वगैरह , पर जब ज़ोया की हसीन कंपनी याद आती , सब नैतिकता धरी की धरी रह जाती।
ज़ोया विमल के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित थी , उसे विमल का स्वभाव सरल , सहज लगा था , वह उससे खूब मजाक करने लगी थी , उसे अपनी बातों पर विमल का झेंपना बहुत अच्छा लगता , रात को विमल उसके रूम में आया , दोनों ने काफी सहज होकर बहुत देर बातें की , डिनर आर्डर किया , खूब हॅसते हसाते खाना खाया , वेटर सब क्लीन कर गया तो ज़ोया ने कहा ,” विमल , मुझे तुम से मिलकर अच्छा लगा , यह और बात है कि हम एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं ।”
”ज़ोया , मैंने बहुत सोचा कि तुमसे दूरी न बढ़ाऊं, पर दिल है कि अब मानता नहीं ,” कहते कहते विमल ने उसे खींच कर अपनी बाहों में भर लिया , ज़ोया भी उसके सीने से जा लगी , फिर जो होना ही था , वही हुआ , पूरी रात दोनों ने एक बेड पर ही बितायी , सुबह ज़ोया ही उठकर फ्रेश हुई पहले , विमल को झकझोर कर हिलाया ,” उठो , आज क्या इरादा है ?”
”तुम्हारे साथ ही रात दिन बिताने का इरादा है , और क्या !”
” तुम्हे पता है जॉन अपड़ाईक ने कहा है ,सेक्स बिलकुल पैसे की तरह होता है , जितना मिले ,उतना कम ।” और मुझे डी एच लॉरेंस की बात भी सही लगती है कि सेक्स वास्तव में इंसान के लिए सबसे करीबी स्पर्शों में से एक स्पर्श होता है लेकिन इंसान इसी स्पर्श से डरता है ।”
”अब तो वही सही लगता है जो तुम्हे सही लगता है , कभी भी नहीं सोचा था कि ऐसे किसी के करीब आऊंगा ।”
ज़ोया की संगत का ऐसा असर हुआ कि हर बात में धर्म और ईश्वर की बात आँख मूँद कर मानने वाले विमल को अब कुछ याद न आता , ऑफिस के पहले और बाद का सारा समय ज़ोया के साथ होता , वेटर्स और बाकी स्टाफ से दोनों की नजदीकी छुपने वाली थी ही नहीं , पर दोनों को परवाह भी नहीं थी किसी की , विमल पूरे का पूरा बदल रहा था , न उसे सुबह जीवन भर का नियम सूरज पर जल चढ़ाना याद रहता , न कोई फ़ास्ट , अब उसे ज़ोया की तर्कपूर्ण बातें भातीं, दुनिया भर के दार्शनिकों की कोट्स ज़ोया के मुँह से सुनकर उसका दिल खुश हो जाता कि आजकल वह कितनी इंटेलीजेंट महिला के साथ रात दिन बिता रहा है , अपनी फॅमिली से बात करता हुआ भी वह अब परेशान न होता , बल्कि उसे फ़ोन रखने की जल्दी होती , वह इस लॉक डाउन को अब मन ही मन थैंक्स कहने लगा था । ज़ोया , वह तो थी ही अपनी तरह की एक ही बंदी , विमल का दीवानापन देख वह हस देती । अचानक ट्रेंस और बाकी सेवायें शुरू हुई , ज़ोया के एक स्टूडेंट ने रूड़की में अपने किसी रिश्तेदार को कहकर पास दिलवाकर ज़ोया के टैक्सी से दिल्ली जाने का इंतज़ाम कर दिया , वहां से वह अपने भाई के पास रहकर फिर बैंगलोर चली जाती , उसने यह खबर जब विमल को दी तो विमल को ऐसा झटका लगा , कि उसका चेहरा देख ज़ोया भी गंभीर हुई ,” विमल , हमारे रास्ते , मंजिल तो अलग हैं ही , इसमें तुम इतना उदास मत हो , मुझे दुःख हो रहा है ।”
विमल ने उसका हाथ पकड़ लिया , ग़मगीन से स्वर में बोला, ” मैं तो भूल ही गया था कि हमे बिछड़ना भी होगा ।”
ज़ोया अपनी पैकिंग करने लगी , होटल वालों को इस समय ध्यान रखने के लिए विशेष रूप से थैंक्स कहा , वेटर्स को बढ़िया टिप्स दी , विमल भी टूटे दिल से जाने के रास्ते खोजने लगा , चलते समय ज़ोया विमल के गले लग गयी , अपना कार्ड दिया , बोली ,” जब मन करे , फ़ोन कर लेना । वैसे मैं जानती हूँ कि कुछ ही दिन याद आएगी मेरी , फिर अपनी लाइफ में बिजी होकर कभी कभी ही याद करोगे मुझे ।”
”और तुम ?”
ज़ोया बस मुस्कुरा दी , कहा कुछ नहीं । टैक्सी आ गयी , ज़ोया बैठने लगी तो विमल ने बेकरारी से पूछा, ” ज़ोया , कब मिलेंगें ?”
” ऐसे ही , कभी भी ,कहीं किसी रोज ।”
टैक्सी चली गयी , विमल का दिल जैसे बहुत उदास हुआ , मन ही मन कहा ,” ज़ोया सिद्दीकी , बहुत याद आओगी तुम ।”
—Poonam Ahmed
Phone number – 9769464584
11.5.20