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Jise dekho wohi insan hai sard sard yahan जिसे देखो वही इंसां है सर्द-सर्द यहां – अशोक हमराही

जिसे देखो वही इंसां है सर्द-सर्द यहां जिसे देखो वही इंसां है सर्द-सर्द यहां सुब्ह की धूप पे जमने लगी...

निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

निकला करता है रातों में  ख़्वाब बेचने सौदागर निकला करता है रातों में  ख़्वाब बेचने सौदागर झोली में भर कर...