बंद हथेली क्यों रखते हो – अशोक हमराही
मेरे दिल में तुम रहते हो फिर भी इतने गुम रहते हो
मेरे दिल में तुम रहते हो
फिर भी इतने गुम रहते हो
सबके अपने – अपने ग़म हैं
सबसे अपनी क्यों कहते हो
ग़लत कहेगी दुनिया तुमको
हंसकर सबसे क्यों मिलते हो
देकर ही कुछ पाओगे तुम
बंद हथेली क्यों रखते हो
मैं हूं तेरे इश्क़ में पागल
दीवानापन तुम कहते हो
आज ज़माना है फ़िक्सिंग का
हार- जीत से क्यों डरते हो
– अशोक हमराही
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Wohhhh kya baat h Bht umba Bht achi lines h
Ek ek shabd DIL ko choo gaya….bahut hi badhiyaan likha Ashok ji
Fantastic congratulation