तुम बोलो तो
तुम बोलो तो
होती जो उलझन है तुमको,
बोलो तो मैं सब सुलझाऊं।
शब्द मेरे चुभते हैं तुमको,
बोलो तो मैं चुप हो जाऊं।
सुनना नहीं तुम्हें अगर तो,
गीत कोई ना अब मैं गाऊं।
एक बार जो तुम कह दो तो,
अपने नाम निशान मिटाऊं।
मिले अगर खुशियां तुमको,
कह दो तुम तो मैं खो जाऊं।
बोल मेरे जो सताते तुमको
बोलो मैं निः शब्द हो जाऊं।
भाता नहीं जो मेरा होना तो,
सदा के लिए मैं खो जाऊं।
होती जो उलझन है तुमको,
बोलो तो मैं सब सुलझाऊं।
दिव्या त्रिवेदी