हम हताश मौसम में भी विश्वास जगाएंगे – प्रमिला भारती
हम हताश मौसम में भी विश्वास जगाएंगे। मुरझाए मन में आशा के दीप जलाएंगे। सहमा सहमा मौसम था,जब जीवन हुआ...
हम हताश मौसम में भी विश्वास जगाएंगे। मुरझाए मन में आशा के दीप जलाएंगे। सहमा सहमा मौसम था,जब जीवन हुआ...
उसे जब पहली बार देखी तो अपना सा लगा उसे देखकर ख़ुश होना मानो पंख लग गये फिर उसका मिलना...
मेरा भारत फिर भारत बन रहा है, जगद्गुरु बन अखिल विश्व में चमक रहा है, मेरा भारत फिर भारत बन...
आत्मचिंतन थमी नहीं है अभी जिंदगी अपनी संस्कृति संग चली है पूर्वजों के मार्गदर्शन और.. बुज़ुर्गो के आशीर्वाद संग हौसले...
तुम बोलो तो होती जो उलझन है तुमको, बोलो तो मैं सब सुलझाऊं। शब्द मेरे चुभते हैं तुमको, बोलो तो...