Ghar par rahen, Ghar par sunen : घर पर रहें घर पर सुनें
“घर पर रहें घर पर सुनें हर रोज़ नए गाने ” एक अभियान है जिसके तहत हर दिन गीतकार अशोक हमराही और संगीतकार केवल कुमार के साथ एक आवाज़ गूंजी , हौसलों की , उम्मीदों की , हर दिन गीत के बोल बदले, धुन बदली, गानेवाली आवाजें बदलीं , लेकिन नहीं बदला वो रास्ता जिस पर कुछ नया करने की ये मुहीम चल पड़ी थी , इसी मुहीम का ये दूसरा गाना आज आपके लिए –
Song no. 2
इधर उधर अब फिरो ना
कुछ दिन घर में रहो ना
बुरी नज़र लग जाएगी
घूम रहा है कोरोना
थोड़ी सी मजबूरी है
बस कुछ दिन की दूरी है
रात अंधेरी जाएगी
नई सुबह फिर आएगी
छोड़ो भी शिकवे गिले
सजेंगी फिर से महफ़िलें
अभी तो धीरज धरो ना
कुछ दिन घर में रहो ना
संभल संभलकर चलना है
नहीं किसी से मिलना है
बस इतना ही कहना है
सबसे बचकर रहना है
घड़ी अभी है मुश्किल की
तो क्या, जीतेंगे हम ही
जानम, समझा करो ना
कुछ दिन घर में रहो ना
– अशोक हमराही