Ghar par rahen, Ghar par sunen “घर पर रहें – घर पर सुनें”
song no .4
सखी री अभी घर से न निकला करो
सखी री अभी कुछ दिन घर में रहो
न सुधरें जब तक ये हालात
रहो तुम घर वालों के साथ
ये वादा हमसे आज करो
सखी री अभी घर से न निकला करो
सखी री अभी कुछ दिन घर में रहो …
शौक करो पूरे अपने घर में तुम नाचो गाओ
वक़्त मिला है जो सखियों यूँ ही ना उसे गवाओ
ब्यूटी पार्लर नहीं तो क्या घर में ही सजो संवर लो
मनचाहे हर काम करो बाँहों में ख़ुशियाँ भर लो
न होतीं हैं हम कभी निराश
यही है हम सखियों में ख़ास
फ़ोन पर मन की बात कहो
सखी री पर कुछ दिन घर में रहो …..
अभी संभलकर नहीं रहेंगे तो होगा पछताना
अभी समय है सोच समझकर बाहर कदम बढ़ाना
आने वाले कल की खातिर हमें ये करना होगा
घर में रहकर ही अपने दुश्मन से लड़ना होगा
अभी है बस कुछ दिन की बात
रहेंगे फिर से हम सब साथ
अभी थोड़ा इंतिज़ार करो
सखी री अभी कुछ दिन घर में रहो …..
– अशोक हमराही
Lyricist- Ashok Hamrahi
Composer- Kewal Kumar
Singers- Kamini Mishra, Yamini Pandey
creating record
बहुत ही उत्तम गीत