घर पर रहें : घर पर सुनें : हर दिन नए गाने

गीत संख्या – 64

दिल को बहलाने की आदत हो गई

दिल को बहलाने की आदत हो गई

ख़ुद को समझाने की आदत हो गई

 

ज़िन्दगी के हादसे सहते हुए अब

हमको मुस्काने की आदत हो गई

अब अंधेरों से भी डर लगता नहीं

दिल जलाने की जो आदत हो गई

बेवफ़ा हम उनको कह सकते नहीं

ग़म उठाने की अब आदत हो गई

दोस्तों से अब गिला शिकवा नहीं

होश में आने की आदत हो गई

  • गीतकार – अशोक हमराही

Ghar Par Rahen Ghar Par Sunen Song 64 Dil ko bahlane ki aadat ho gayi Singer – Dr Hari Om Lyricist : Ashok Hamrahi Music Director : Kewal Kumar

डॉ हरि ओम का नाम सभी के लिए जाना पहचाना है। IAS अधिकारी का गुरुतर दायित्व निभाते हुए भी उन्होंने अपने दिल की आवाज़ को कभी अनसुना नहीं किया और लेखन और गायन को बदस्तूर जारी रखा। वह जितने जनप्रिय अधिकारी हैं, उतने ही लोकप्रिय शायर और गायक भी हैं। अपनी शायरी को अपनी compositions में गाने के लिए वह काफ़ी मशहूर हैं। डॉ हरि ओम आकाशवाणी और दूरदर्शन के A ग्रेड आर्टिस्ट हैं। उनके करीब आधा दर्ज़न ग़ज़ल अल्बम रिलीज़ हो चुके हैं। इसके अलावा कई नामी म्यूज़िक कम्पनियों के लिए फुटकर गीत भी गाए हैं, कई किताबें लिखी हैं। उन्हें गायन और लेखन के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं। डॉ हरि ओम की आवाज़ में ठहराव के साथ-साथ रवानगी भी है, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है ….उनकी गाई हुई ये ग़ज़ल सुनकर आप भी ऐसा ही महसूस करेंगे… सुनिए ….. Like करिए… Share करिए …..और अपने विचार भी अवश्य लिखिए।



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