जैसे जैसे चिराग़ जलते हैं – लता श्री
https://youtu.be/p1I5A7HUYo0 "लता श्री" हिंदी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियित्री हैं
https://youtu.be/p1I5A7HUYo0 "लता श्री" हिंदी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियित्री हैं
■■चिठिया हो तो हर कोई बांचे...1 ■■■ पिता के पत्रों से मिलती रही प्रेरणा जबसे लैपटाप और मोबाइल का...
https://youtu.be/Lpi-wgemnJk
दिन कटा तो रात भी कट जाएगी देखकर बदले हुए नभ को कहीं, हारकर हिम्मत अरे रुकना नहीं,...
ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे ममता की देहरी पर जाने क्यों पहरे, सहमे सिसके हम बस...
SANSMARAN: नौकरी के अनुभव और चाय पीने की आदत ने दिलाई मुफ़्त में एक नई कार पाठकों, आपको...
रिश्ते नाते वो बेवफ़ा समझता रहा ...
माँ डर मुझे बहुत लगता है अब डर मुझे बहुत लगता है । माँ डर मुझे बहुत लगता है ।...
मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ मैं बरस-बरस बरसूं रोज़-रोज़ नित नवीन रंग-ढंग से तुम पर हर रोज़ आसमां से ......
सत्य या भ्रम अर्ध सुप्त सी लिए अवस्था, कब तक जागृति भान करोगे? चन्द घरों को बना व्यवस्थित, कब तक...