आत्मकथा : मेरे घर आना ज़िन्दगी (53)
जब भोपाल के लिए बोरिया बिस्तर बांधा था तो यह सोच कर चली थी कि जैसे पहले वानप्रस्थ आश्रम हुआ...
जब भोपाल के लिए बोरिया बिस्तर बांधा था तो यह सोच कर चली थी कि जैसे पहले वानप्रस्थ आश्रम हुआ...
भोपाल में चार लाख कायस्थ हैं और ढेरों कायस्थ सभाएं। जाति संबंधी उत्सवों, सभाओं से दूर ही रहती हूं। किसी...
तुमसे मिलकर पर चर्चा भोपाल में वरिष्ठ कवि राजेश जोशी की अध्यक्षता में रखी गई ।प्रमुख वक्ता हीरालाल नागर, राजेश...
आत्मविश्वास के पद चिन्ह संतोष श्रीवास्तव की रचनाधर्मिता के कई आयाम है।वे एक समर्थ कथाकार, संवेदनशील कवयित्री, जागते मन और...
साहित्य अकादमी ने अनुदान देने के लिए 40 पांडुलिपियां चयन की थीं। जया केतकी, रेखा दुबे की किताब की भूमिका...
मॉरीशस से रामदेव धुरंधर श्रीलाल शुक्ल सम्मान लेने भारत आए थे। वे भोपाल आ रहे थे। उर्वशी के संस्थापक निदेशक...
इन दिनों यूट्यूब चैनलों की बाढ़ सी आ गई है दिल्ली के ललित कुमार मिश्र का यूट्यूब चैनल वर्जिन स्टूडियो...
अब यूं है कि हमारे सन्नाटे में नरगिस चटखती है ।उसके फूलों का शबाब चैन नहीं लेने देता। सो जुट...
केरल जाने के लिए मुम्बई से फ्लाइट लेनी थी।मुंबई पहुंचते ही न जाने क्या हो जाता है मुझे ।मुंबई की...
मेरी जिंदगी तीन काल खंडों में बंटी है और इन काल खंडों का मेल ही मेरा इतिवृत्त है लेकिन इन...