ग़ज़ल : कवि और कविता – डॉ0 अनिल त्रिपाठी की तीन रचनाएँ
ख़ुशी गर जो होगी तो ग़म भी तो होंगे ख़ुशी गर जो होगी तो ग़म भी तो होंगे तुम्हारे फ़साने...
ख़ुशी गर जो होगी तो ग़म भी तो होंगे ख़ुशी गर जो होगी तो ग़म भी तो होंगे तुम्हारे फ़साने...
ब्रेक-अप स्टोरी पहली मुलाक़ात से उसे चाहने लगा था ...
दिल में रहते हो और दिल को दुखा देते हो दिल में रहते हो और दिल को दुखा देते हो ...
We are all blessed! But somewhere in the cacophony of life, we lose our sweet voices and become the pawns...
जो दिल के आईने में सच न देख पायेगा जो दिल के आईने में सच न देख पायेगा ...
धूप -छांव कहीं सुनहरी धूप चमके कहीं घनघोर काली घटा कहीं धरा तरसे एक बूंद पानी को भरने को अपने...
पाऊसकाळी कधी पाखरू उदास होते मन भिंगुळते क्वचित उसवते, फांदीवरती ठाव मिळुनही स्थिरावया घाबरते श्याम धवळ तळमळते. तेच पाखरू आनंदुनि...
एक सच सपने का (वातायन से) ...
🌹🌷😊👩❤👨 फिर भी अच्छे लगते हो मेरे दिल में रहते हो ...
'खपली' एक मराठी शब्द है, जिसका मतलब है 'पपडी' यानि बाहरी आवरण। घाव कितना भी गहरा क्यूँ ना हो, वक़्त ...