राम की शक्तिपूजा – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”
राम की शक्तिपूजा रवि हुआ अस्त; ज्योति के पत्र पर लिखा अमर रह गया राम-रावण का अपराजेय समर आज का तीक्ष्ण-शर-विधृत-क्षिप्र-कर वेग-प्रखर शतशेलसंवरणशील नील नभ गर्ज्जित स्वर , प्रतिपल- परिवर्तित-व्यूह-भेद-कौशल-समूह राक्षस- विरुद्ध प्रत्यूह- क्रुद्ध-कपि-विषम-हुह, विच्छुरितवह्रि- राजीवनयन-हत लक्ष्य- बाण लोहितलोचन- रावण-मदमोचन-महीयान राघव-लाघव-रावण-वारण-गत-युग्म-प्रहर उद्धत- लंकापति मर्द्दित-कपि-दल-बल-विस्तर अनिमेष-राम-विश्वजिद्दिव्य-शर-भंग-भाव, विद्वांग-बद्ध-कोदंड-मुष्टि-खर-रुधिर-स्राव, रावण-प्रहार-दुर्वार-विकल वानर-दल-बल मूर्च्छित-सुग्रीवांगद- भीषण-गवाक्ष-गय-नल, वारित-सौमित्र-भल्लपति-अगणित-मल्ल-रोध, गर्ज्जित-प्रलयालब्धि-क्षुब्ध-हनुमत-केवल-प्रबोध , उदगीरित्त-वह्रि-भीम-पर्वत-कपि-चतुःप्रहर,...