तुमने मुझे दिल से उतारा नहीं है – दिव्या त्रिवेदी
तुमने मुझे दिल से उतारा नहीं है जानता है दिल, तुमने मुझे दिल से अभी तक उतारा नहीं...
तुमने मुझे दिल से उतारा नहीं है जानता है दिल, तुमने मुझे दिल से अभी तक उतारा नहीं...
दिल के रिश्तों को अजनबी होते देखा है सब बदलते देखा है, छलते देखा है, दिल के...
रात को आफ़ताब देखा है रात को आफ़ताब देखा है, ...
ख़्वाहिश मैंने कहा -'' ऐ ज़िन्दगी, बस करना इतनी सी इनायत हर बात में हो सनम और हर...
रेशीम गाठ!! हे बंध तुझे - माझे.... असे नाही सुटायचे नाते अपुल्या मधले.... कधी नाही तुटायचे ही आहे रेशीम...
जीवन का सफ़र जीवन जीवन का सफ़र, इस सफ़र में कभी एक वो पड़ाव आता है, जब हम अकेले...
कापुरुष वो पौरुषहीन मन ही मन कुछ सोच रहे थे चुपचाप बैठ कर तात..। देख प्रश्न किया सुता ने, क्या...
तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे तुम्हारे बिन है ज़िन्दगी ऐसे कोई सीलन भरा हो घर जैसे जहाँ न...
ओ अरण्य के सुन्दर सपने ! ओ अरण्य के सुन्दर सपने! निधि जीवन की - लक्ष्य प्राण के !...
सबके चेहरे पे नया चेहरा है सबके चेहरे पे नया चेहरा है हर कदम पर घिरा अंधेरा है मुद्दतों...