शायर अबरार लखनवी
ग़ज़लें मत पूछ मुझ को वफाओं से क्या मिला मत पूछ मुझ को वफाओं से क्या मिला राज़दान मेरा ही...
ग़ज़लें मत पूछ मुझ को वफाओं से क्या मिला मत पूछ मुझ को वफाओं से क्या मिला राज़दान मेरा ही...
1.तुम तुम छू लेते हो धड़कनें बढ़ जाती हैं मेरी कितना जरूरी है दिल की सलामती के लिये तुम्हारा छू...
रक्षाबंधन आया राखी का त्योहार बहना चली भाई के द्वार सजा के थाली पूजा की, संग में ले प्यार की...
……..मित्र और मित्रता…. मित्र ,सखा, दोस्त .. भावपूर्ण शब्द हैं…. कविताएं ,पद ,छंद ,दोहे .. कहानियां, नाटक…. चित्रपट…मे छा गया...