काव्य / गीत – ग़ज़ल

कवयित्री: संतोष श्रीवास्तव

आत्म निरीक्षण अकेलापन अकाट्य ,अभेद्य अंतरात्मा की गहराई से अनुभव किया उसने सब कुछ के बावजूद सब कुछ की समाप्ति...