कवयित्री संतोष श्रीवास्तव
कोहरे भरी चाँदनी वो मेरे शहर में अनजान था, परदेसी था एक प्रेम दिवस पर उसने मुझे लाल गुलाब देकर...
कोहरे भरी चाँदनी वो मेरे शहर में अनजान था, परदेसी था एक प्रेम दिवस पर उसने मुझे लाल गुलाब देकर...
** उमचन सी कसी जाती है .भिगोकर बुनी जाती है जितना हों सके खीचकर तानकर जाती है बनायीं उधेड़ दी...
सराय होती हैं. अन्नपूर्णा...
देवी के अस्त्र शस्त्र और वस्त्र देवी की मूर्ति पर, रंग भरते हुए कलाकार की कूची कुछ चिपचिपी कुछ लसलसी...
प्रेमांकुर तुम चाहे लाख कोशिश करो मुझे अन्य अमरबेलियों के सहारे मिटाने की अपने भावनाहीनता के शिलाखंड से दबा कर...
"तू सुमन सा खिल सदा" है मार्ग गर दुष्कर तो क्या, है सम्मुख शिखर तो क्या। हो काल गर प्रतिकूल...
तनया माँ सुनो मैं तनया तुम्हारी अपनी कथा सुनाती हूँ । मिली मुझे जो जग से हर पल वो ही,...
विदेही सुख जो स्वप्न में देखा था कब से आज देखा वही सवेरा ! जो तथाकथित हरदम रहे थे आज...
तुम चाहते हो अकेली मिलूं मैं तुम्हें पर मैं अकेली नहीं मैं मेरे पास है मेरी तपन और मेरी आग ...
घर पर रहें - घर पर सुनें "हर रोज़ नए गाने" गीत संख्या - 20 गीत - कोरोना ने हाय...