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तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं – अशोक हमराही

अब तुम्हारा हमको इंतिज़ार नहीं तुम जहां महफ़ूज़ हो रहो वहीं राह देखते रहे हैं आज तक पर कहेंगे तुमको...

निकला करता है रातों में ख़्वाब बेचने सौदागर – ज्योति ‘किरण’ सिन्हा

निकला करता है रातों में  ख़्वाब बेचने सौदागर निकला करता है रातों में  ख़्वाब बेचने सौदागर झोली में भर कर...