कथाकार राजा सिंह
“घरेलू-पति” विशेष सोच रहा हैं। आने का सम्भावित समय निकल गया हैं।.........अब तो सात भी बज चुके हैं। शंका-कुशंका...
“घरेलू-पति” विशेष सोच रहा हैं। आने का सम्भावित समय निकल गया हैं।.........अब तो सात भी बज चुके हैं। शंका-कुशंका...
غزل / ग़ज़ल ख़त्म तेरी याद का हर सिलसिला कैसे करूँ ——————- ختم تیری یاد کا ہر سلسلہ کیسے کروں...
गीत "कान उगे दीवारों में " तहखाने से राज़ निकल कर आ पहुंचे बाजारों में जब भी खुसफुस की अधरों...
बदल का भ्रम न बनती है न संवरती है न निखरती यह दुनिया तुम्हारे बिना फिर भी जहर परोसती है...
9 अगस्त : जन्मदिन विशेष आधुनिक हिन्दी साहित्य के श्रेष्ट गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार मनोहर श्याम जोशी की लेखनी के अनेक...
मेरा मन मेरे मन तू कितना मनचला, तूने मुझको हर पल छला तू कौन है क्या रूप है मेरे जीवन...
पट्टियाँ आँखों से इनकी मत हटाओ पट्टियाँ आँखों से इनकी मत हटाओ, लोग रहते हैं यहाँ धृतराष्ट्र बनकर यू तो...
ग़ज़लें मत पूछ मुझ को वफाओं से क्या मिला मत पूछ मुझ को वफाओं से क्या मिला राज़दान मेरा ही...
1.तुम तुम छू लेते हो धड़कनें बढ़ जाती हैं मेरी कितना जरूरी है दिल की सलामती के लिये तुम्हारा छू...
रक्षाबंधन आया राखी का त्योहार बहना चली भाई के द्वार सजा के थाली पूजा की, संग में ले प्यार की...